मगर मैं उनकी ख्याति के लिए नहीं बल्कि उनके अतिशीघ्र स्वास्थ्यलाभ के लिए परमपिता से प्रार्थना करने के लिए आप सबसे निवेदन करता हूँ ... वो महात्मा हैं श्रेष्ठ कवि प्रोफ़ेसर महेंद्र भटनागर जी, ग्वालियर.... आपकी उम्र ८५ वर्ष हो चुकने के बाद भी आज भी आप निरंतर हिंदी माता की सेवा में रत हैं.... किन्तु विगत कुछ दिनों से बीमार हैं..... दुआ करें.... उनकी एक तस्वीर भी नीचे देता हूँ....
अब कुछ उल्टा-पुल्टा......
१- ''हमने देखा जो उनको शक की नज़र सेज़माने को शक हमपे यार हो गया,
हम ढूंढते ही रह गए मौका-ए-इज़हार
और उन्हें किसी और से प्यार हो गया..''
२- दर्द दुनिया का मिटाने के लिए संत हो जाना,
सबके हिस्से में आने के लिए अनंत हो जाना,
तुम्ही से तो सीखी है हम सबने ये अदा
कि विष पी लेना और नीलकंठ हो जाना.
३- तेरे सवालों का मैं कैसे जवाब दूँ,
कितनी चाहत है ये कैसे हिसाब दूँ,
तुम्हें पाने को खुद को खोकर जो किये
उन गुनाहों को मैं कैसे हिजाब दूँ..
४- एक उम्र से ख्वाहिश थी
कभी मिले तो तेरे
गले लग के रो लेंगे
दास्तान-ए-गम-ए-दिल सुनायेंगे तुम्हें....
वक़्त मिला भी तो इतना कि
या गले लगते या रो लेते
या ग़म-ए-दिल सुनाते तुम्हें
हमने सोचा, गले लगें? रोयें?
या हाल-ए-दिल सुनाएँ तुम्हें?
और.... वक़्त निकल गया.....
आपका ही-
दीपक मशाल
तस्वीरे अपने ही मोबाईल से...
भगवान से दुआ करता हूँ कि महेन्द्र जी जल्द से जल्द ठीक हो जायें , क्योंकि उनके जैसे ही वीर सपूतो की जरुरत है हमारी मातृ भाषा हिंदी को । और अन्त में आपकी रचना ने दिल को छु लिया, और दीपक भईया लग रहा है कि आपका मोबाईल फोनवा बड़ा धांसु है, सोच रहा हूँ कि किसी को लगा ही देता हूँ आपके पिछे, ससुरा आपके मोबाईलवा से फोटु बड़ा धांसु आता हैं ।
जवाब देंहटाएंकवि प्रोफ़ेसर महेंद्र भटनागर जी के शीध्र स्वास्थय लाभ एवं दीर्घायु होने की परमपिता से प्रार्थना है.
जवाब देंहटाएंAre Mithilesh, kyon kisi ko peechhe lagane me paise barbaad karoge, tum kaho to mujhse.... chhote bhai ho.. aise hi de doonga..
जवाब देंहटाएंअरे नहीं दीपक भईया मैं तो बस ऐसे ही कह रहा था , बस आपका प्यार और आशिर्वाद मिलता रहे और क्या चाहिए,,,,,,
जवाब देंहटाएंअच्छा अभी समझा, आप सोच रहे हैं ना कि सस्ते में काम निपटा लेता हूँ, तो ऐसा तनिक भी ना होगा, अभी सोचता हूँ कुछ बड़ा तब बताता हूँ ।
रक्त दिया जाता है जैसे
जवाब देंहटाएंदे देता
अगर दी जाती साँसे वैसे
जल्द तंदरुस्त हो हिन्दी माँ का शेर
दिल से बस ये ही अब दुआ निकले
उनकी आए,
लेकिन मेरा साँस निकले\
Kulwant bhai jawab nahin aapka... stabdh kar diya aapki rachna ne...
जवाब देंहटाएंदीपक,
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा कि तबीयत ठीक होने के साथ-साथ फॉर्म में आ रहे हो...महेंद्र भटनागर जी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना...तुम्हारी पिछली कुछ पोस्ट पर कमेंट नहीं कर पाया...जानते तो हो एक मियांजी के भूत ने मुझे जकड़ लिया था...
जय हिंद...
..महेंद्र भटनागर जी जल्द स्वस्थ हो, मै भगवान से प्राथना करता हु , खुशी हुयी जान कर कि आप की तबियत अब ठीक हो रही है
जवाब देंहटाएंप्रोफ़ेसर महेंद्र जी के लिए शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंहिंदी के सिपाही कवि प्रोफ़ेसर महेंद्र भटनागर जी के शीध्र स्वास्थय लाभ हेतु प्रार्थना है.
जवाब देंहटाएंबुजुर्ग कवि की सेवा में दीपक आपने अपना जो धर्म भी निभाया है. यह उत्तम कार्य है. आपको भरपूर यश मिले.
- सुलभ
आभार , भटनागर जी जैसे व्यक्तित्व वाले महानुभूति से मिलवाने के लिए।
जवाब देंहटाएंहमारी शुभकामनायें और प्रार्थना उनके लिए।