मंगलवार, 23 मार्च 2010
आज शहीदी दिवस है----->>>दीपक 'मशाल'
आज शहीदी दिवस है भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का.. कुछ याद आ रहा है-
''भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु..पहन वसंती चोले
रात मेरे सपने में आये आके मुझसे बोले
हमारा व्यर्थ गया बलिदान.. हमारा व्यर्थ गया बलिदान..
हम भी अगर चाहते तो सम्मान मांग सकते थे
फांसी के तख्ते पर जीवनदान मांग सकते थे
कुछ ना माँगा, माँगा हमने प्यारा हिन्दुस्तान
हमारा व्यर्थ गया बलिदान.. हमारा व्यर्थ गया बलिदान..''
पूरा याद नहीं
(इस गीत के/की रचयिता कोई मेरे नगरीय कवि/कवियत्री हैं)
कुछ कहना नहीं चाहता बस दो मिनट मौन रहना चाहता हूँ इन महान बलिदानियों के लिए और आपसे भी यही आशा करता हूँ.. हालाँकि पता है इस मौन पर भी अंगुली उठाने वाले बहुत हैं कि 'मौन रख के क्या कर लोगे?'
पर फिक्र नहीं
साथ ही सुनियेगा 'शहीद' फिल्म का ये अमर गीत-
ऐ वतन.. ऐ वतन हमको तेरी कसम..
जय हिंद
दीपक 'मशाल'
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दो मिनट मौन रहना चाहता हूँ इन महान बलिदानियों के लिए !
जवाब देंहटाएंबिल्कुल दीपक जी हम २ मिनट मौन रहूँगा .......ऐसे वीरों के लिए ...
जवाब देंहटाएंमैं भी २ मिनट का मौन रख कर इन अमर सेनानियों के चरणों में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करना चाहती हूँ...
जवाब देंहटाएंआज अगर सपने में आए तो कहना दोस्त।
जवाब देंहटाएंयत्नशील है।
भीख के कटोरे में, और कागजों पर अंगूठा काट ली
आजादी बनाम गुलामी से बाहर आने के लिए।
यत्नशील हैं।
यहाँ साँडरस नहीं, भारतीय घटिया सोच के साँड घूमते हैं।
हम गैरों के मारे कब मरते हैं, हम तो अपने आस पास से डरते हैं।
जय हिंद , देश के महान वीरो को नमन
जवाब देंहटाएंregards
शहीदेआजम भगत सिंह ने कहा था -‘‘भारतीय मुक्ति संग्राम तब तक चलता रहेगा जब तक मुट्ठी भर शोषक लोग अपने फायदे के लिए आम जनता के श्रम को शोषण करते रहेंगे। शोषक चाहे ब्रिटिश हों या भारतीय।’’क्या कहीं भी यह भारतीय मुक्ति संग्राम अस्तित्व में है ?
जवाब देंहटाएंदृष्टिकोण
www.drishtikon2009.blogspot.com
दीपक भाई
जवाब देंहटाएंशहीदों की याद करना हम सब की फ़र्ज़ है. किन्तु समाज में जिन विषयों का बोल-बाला है उससे इतर कम सोचते हम लोग गोया कितने एहसान फ़रामोश हो चुके हैं
जी दीपक, जी मुझे याद तो था, आपने याद दिलाया तो और अच्छा लगा. मैं भी आपके साथ दो मिनट का मौन रख रही हूँ.
जवाब देंहटाएंhar varash yun hi lagte rahenge ye azadi ke mele
जवाब देंहटाएंjab dekha is mele main hum hi hain akele
bahut rota hai ab ye man hamara
jo tha mera pyara, nahin raha bo bharat humara
inqlab jindabad
shaheed divas 23 march 1931
हम ईंट से ईंट बजा देंगे...
जवाब देंहटाएंछक्के दुश्मन के छुड़ा देंगे....
......
शहीदों को शत् शत् नमन.........
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले
जवाब देंहटाएंवतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा
दो मिनट का मौन हम भी रख कर श्रधा सुमन चढ़ाना चाहते हैं
शहीदों को कोटि कोटि नमन ……2 मिनट के मौन के साथ श्रद्धा सुमन अर्पित करती हूँ ।
जवाब देंहटाएंअच्छी पोस्ट है ,दीपक.....सबलोग तुम्हारे बहाने शहीदों को याद कर नमन कर रहें हैं...
जवाब देंहटाएंबलिदान तो खैर व्यर्थ नहीं गया ।
जवाब देंहटाएंलेकिन अभी भी गुलामी की कुछ जंजीरें हैं , जिनसे मुक्ति पानी है।
शहीदों को नमन अवम श्रधांजलि । सामयिक रचना।
shahido ko naman
जवाब देंहटाएंशहीदों को शत शत नमन
जवाब देंहटाएंभाई अगली बार सपने मै आये तो इन से कहना कि अब कि बार दुशमन गोरा नही अपना ही खुन है , अपने ही देश के नागरिक है, बस वो हद से ज्यादा कंइने पन पर उतार आये है, कोई माला पहनता है, तो कोई सीटे खरीदता है, देश की किसी को नही पढी, आऒ एक बार फ़िर से.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिखा आप ने, मेरे दिल ओर दिमाग मै बसे है यह शहीद
शहीदों को श्रधांजलि
दीपक, आज की पोस्ट के लिये मेरा आभार स्वीकार करें। अपने मन से ही सुबह इन शहीदों को नमन कर चुका हूं, लेकिन आपके आव्हान पर पुन: इनको याद कर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।
जवाब देंहटाएंदेश के ये ही सही मायनों में हीरो है, इन सभी को मेरा भी प्रणाम
जवाब देंहटाएंअमर शहीदों को नमन!!
जवाब देंहटाएं-
हिन्दी में विशिष्ट लेखन का आपका योगदान सराहनीय है. आपको साधुवाद!!
लेखन के साथ साथ प्रतिभा प्रोत्साहन हेतु टिप्पणी करना आपका कर्तव्य है एवं भाषा के प्रचार प्रसार हेतु अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें. यह एक निवेदन मात्र है.
अनेक शुभकामनाएँ.
एक बेहतरीन पोस्ट आज के दिन. ....दीपक ....
जवाब देंहटाएंअजय कुमार झा
Aabhar
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