रविवार, 13 दिसंबर 2009

खंडहर की ईंट

खंडहर की ईंट
कुछ कहती हुई सी लगती है,
उसी पुराने खंडहर की
जिसे ऐतिहासिक स्थल कहते हैं...
और देखते हैं रोज़
हज़ारों देशी और विदेशी पर्यटक...
हर किसी से
सूनी आँखों से
कुछ कहती हुई सी लगती है...
वो चाहती है बताना
क्या है असली इतिहास
जिसमे जोड़ी गयी है
कुछ झूठी कहानी भी...
उस कहानी को छोड़कर,
क्या है हकीकत
और क्या है फ़साना...
है हर पल की
सच्ची गवाह
वह ईंट
जो झूठी नहीं है..
अलग-अलग इतिहासों की तरह....
दीपक 'मशाल'

16 टिप्‍पणियां:

  1. धन्य हैं आप जो ईंट से भी सच - झूंठ
    का मसाला निकाल लेते हैं ..

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  2. बहुत बढिया....आपने सही कहा इतिहास के पन्नों में कई सच्ची-झूठी कहानियाँ दफ्न होती हैँ

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  3. बहुत गहरी रचना..


    भारत यात्रा में ऐसी रचनाएँ?

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  4. bheetar ki pragya ko prakat karti gahantam kavita ka anubhav ho raha hai is rachnaa ko baanch kar....

    waah !
    waah !

    badhaai !

    जवाब देंहटाएं
  5. ऐतिहासिक धरोहरों की हालत बयां कर दी आपने

    जवाब देंहटाएं
  6. इतिहास के पन्नों का यथार्थ आपके शब्दों में बहुत कुछ कह गया है........

    जवाब देंहटाएं
  7. क्या है असली इतिहास
    जिसमे जोड़ी गयी है
    कुछ झूठी कहानी भी...
    उस कहानी को छोड़कर,
    क्या है हकीकत
    और क्या है फ़साना...
    है हर पल की
    सच्ची गवाह
    वह ईंट
    जो झूठी नहीं है..
    अलग-अलग इतिहासों की तरह....
    बहुत सही कहा वाकई इतिहास मैं बहुत कुछ झूठा सच्चा है.

    जवाब देंहटाएं
  8. गहरी रचना।
    भारत यात्रा कैसी रही, ये भी लिखें।

    जवाब देंहटाएं
  9. bahut hi gehrai chupi hai is rachna main....

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत अच्छी बात कही है दीपक , मै तो पुरातत्ववेत्ता हूँ तुम्हारी बात का पुरज़ोर समर्थन करता हूँ ..काश ऐतिहासिक धरोहरों के प्रति सही नज़रिया हो जाये हम लोगों का । और क्या चल रहा है ?

    जवाब देंहटाएं
  11. गहरी रचना।
    भारत यात्रा कैसी रही, ये भी लिखें।

    जवाब देंहटाएं

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