आग खतरनाक होती है
जब पेट की नहीं होती
जब नहीं होती सीने में
या जब इनके लिए नहीं जलाई जाती
सभ्यता का दूसरा पहलू
विकास का वीभत्स चेहरा उघाड़ देती है आग
जलकर- झुलसकर मरती जीव-जातियों की दर्दनाक चीखें
और उससे भी भयानक खामोशियों के बीच
बहरे बने हुए लोगों की शक्लें
सबसे कुरुप नज़र आती हैं
जब जलाई नहीं जाती
आग लगती नहीं जब....
जब लगाई जाती है
यह इंसानियत पर से भरोसे को सबसे पहले भस्म करती है
यह आदमी को नंगा कर देती है
यह आग फिर प्रमाण देती है कि
हम आए थे यहाँ पेड़-पौधों की जूठन गैस पीने
धरती कभी बनी ही नहीं थी हमारे लिए....