काश तुम्हारी याद होती कोई बिल्ली
जब भी वक़्त बे-वक़्त
दिल-ओ-दिमाग के कमरे में विचरने की कोशिश करती
दबे पाँव चुपके से अन्दर आने का
घुसने का जतन करती
उसकी उम्मीदों पर पानी फेरते हुए
बंद कर लेता दरवाजे खिड़कियाँ सब
उस चौंड़े मुँह वाले पनाले में ठूंस देता
तुम्हारे बुरे बर्ताव वाली पुरानी कमीज़ को गोल करके
वो बाहरी दीवार पे लगाती रहती
अपने धारदार नाखूनों की मदद से सेंध
और मैं बेफ़िकर हो खोया रहता अपने आप में
वो खरोंचे मारती रहती
पंजों से दरवाजों को लहुलुहान करती रहती
लेकिन मैं कर जाता अनसुना
तब जब मैं खाली नहीं होता
और नहीं जाना चाहता उसके पास
उन यादों को ना भरना चाहता अपने आगोश में
उस याद की बिल्लौरी आँखें
हो जातीं उदास
और मुझे आता कुछ तरस सा
उसके हाल पर, बेचारगी पर
तब ताज़ी हवा के नाम पर खोल देता मैं खिड़कियाँ
खोल देता दरवाज़े सारे
और वो बेजुबान फुदक के आ बैठती मेरी गोद में
मेरी जानिब देखती वो
प्यार और कुछ शिकायत भरी नज़रों से
जैसे कह रही हो
'तुम्हें मेरी याद भी नहीं आती.. हुँह...'
दीपक मशाल
जाने से पहिले ये वीडिओ तो देखिये.. वो शेर याद दिला देगा कि
''कौन कहता है कि आसमाँ में छेद हो नहीं सकता..''
चित्र साभार गूगल से
जी मैने कल ही देखा था यह विडियो, इस बेचारे कुत्ते के अगले पेर नही हे, फ़िर भी हिम्मत कर के चलता है, मैने इसी कुत्ते के बारे इस का दुसरा विडियो देखा था,
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
और वो बेजुबान फुदक के आ बैठती मेरी गोद में
जवाब देंहटाएंमेरी जानिब देखती वो
प्यार और कुछ शिकायत भरी नज़रों से
जैसे कह रही हो
'तुम्हें मेरी याद भी नहीं आती.. हुँह...'
बहुत सुंदर कविता है और वीडियो भी। हिम्मत नहीं हारने वालों की ही जीत होती है...
वाह ये याद वाली बिल्ली तो जबर्दस्त्त है ...काश सच में वो बिल्ली होती.
जवाब देंहटाएंBAHOT KHOOB
जवाब देंहटाएंHimmat Denewali Baat Hai
Kavita bhi sunder hai
बिल्ली और कुत्ता दोनो ही अच्छे लगे
जवाब देंहटाएंऔर वो बेजुबान फुदक के आ बैठती मेरी गोद में
जवाब देंहटाएंमेरी जानिब देखती वो
प्यार और कुछ शिकायत भरी नज़रों से
जैसे कह रही हो
'तुम्हें मेरी याद भी नहीं आती.. हुँह...'
जहाँ तक कुत्ते की बात है लगन और हौसला होना चाहिए कुछ भी संभव है पर बिल्ली तो कुछ ज्यादा ही दमदार निकली
amazing video...........gr8
जवाब देंहटाएंyaadon ko billi bana dena koi tumse sikhe...........yaadon ko bahut hi khoobsoorati se pesh kiya hai.
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति के प्रति मेरे भावों का समन्वय
कल (13/9/2010) के चर्चा मंच पर देखियेगा
और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com
Dog name is "Faith". I post about faith in my blog Bacchon ki duniya.
जवाब देंहटाएंhttp://aaditysahu.blogspot.com/2010/06/faith.html
I got this information from care2 friends.
और आपकी बिल्ली बहुत ही प्यारी है. बेजुबान है तो क्या हुआ उनकी आँखों में आपके लिए स्नेह ही दिखेगा. ईश्वर ने सभी जीवों और मनुष्यों में एक बहुत ही प्यारी चीज डाली है एक दूसरे की भावनाओं को बगैर भाषा के समझ पाना.
सुबह किसी वृक्ष के नीचे बैठ जाइये, मंद गति सी चलती वायु के झोंके, पत्तियों और हरसिंगार के फूलों की वर्षा करती प्रसन्न होती महसूस होती है सुबह से ही पंछियों के मधुर ध्वनि आपको सुनने मिल जायेंगे. जैसे स्वर्ग उतर आया हो जमीं पर :)
प्रभु की लीला है...विडियो देख कर दंग हूँ.
जवाब देंहटाएंऔर फिर:
उस याद की बिल्लौरी आँखें
हो जातीं उदास
-:) क्या बात है!!
यादें बिल्ली होतीं ? वाह क्या सोच है ...
जवाब देंहटाएंऔर वीडियो बहुत बढ़िया ...जीने का हौसला देता हुआ ...
और वो बेजुबान फुदक के आ बैठती मेरी गोद में
जवाब देंहटाएंमेरी जानिब देखती वो
प्यार और कुछ शिकायत भरी नज़रों से
जैसे कह रही हो
'तुम्हें मेरी याद भी नहीं आती.. हुँह...'
kya upma di hai aapne. kabhi bejubaan aankhe bahut kuchh kah jaati hai,bas unko samajhne wali aankhe honi chahiye.bahut badhiya prastuti.
poonam
aadmee pairo pe kyu chaltaa hai ab samajh aayaa
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचनाकारी!
जवाब देंहटाएं--
पढ़कर आनन्द आ गया!
--
वीडियो भी बढ़िया लगाया है!
जज़्बे को सलाम।
जवाब देंहटाएंप्यार और कुछ शिकायत भरी नज़रों से
जवाब देंहटाएंजैसे कह रही हो
'तुम्हें मेरी याद भी नहीं आती.. हुँह...'
very nice... vaise bhi kisi ki yadon se jitna hi peechha chhudona chaho lagta hai vo aur tez ho jati hai aur jyada samay isase nahin bachha ja sakta.achachha kiya jo yad ko aane diya......
याद को बिल्ली का प्रतीक बना कर प्रस्तुत करने का विचार बहुत अद्यतन है।
जवाब देंहटाएंदीपक जी,
जवाब देंहटाएंयाद की बिलाई का बहुत ही सुंदर बर्नन किए हैं आप..अऊर बस ऐसहीं टाइप करने का ई नतीजा है त एकदिन आराम से अऊर फुर्सत से कभी ई याद के साथ बईठ गए तब का क्माल कीजिएगा.
विडियो वाले कुत्ता पर दुष्यंत कुमार जी का ई शेर फिट बईठता है
एक बाज़ू उख़ड़ गया जब से,
और ज़ियादा वज़न उठाता हूँ.
बहुत खूब!!
इस वीडियो को देखने के बाद एक शेर इनसानों के लिए,
जवाब देंहटाएंमत कर हाथों की लकीरों पर भरोसा इतना,
तकदीर तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते...
जय हिंद...
अच्छी कल्पना की है आपने...
जवाब देंहटाएंभाई दीपक जी उस बिल्लोरी आंखो वाली का ध्यान रखिये
जवाब देंहटाएंबुरे बर्ताव वाली पुरानी कमीज को यादों की आवाजाही वाले परनाले में गोलकर ठूंसने का ख्याल शानदार है और फुदक कर गोद में बैठनें वाली बिल्ली से लेकर नोचने कुरेदने वाली बिल्ली तक का बिम्ब यादों के लिए परफेक्ट है ! कविता पर नये से प्रयोग पर केवल इतना कहूं ...वाह !
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति !
' हुँह' तो यक़ीनन बिल्ली की ही अदा है, बड़े गौर से देखा है शायद आपने बिल्ली को ..
जवाब देंहटाएंमस्त लिखा है दीपाक, और वीडियो भी गज़ब। हमें प्रेरणा लेनी हो तो कितना कुछ बिखरा पड़ा है यहाँ, लेकिन हम सब कुछ होते हुये भी रोते रहते हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.......
जवाब देंहटाएं...आभार
मुस्कुराना चाहते है तो यहाँ आये :-
(क्या आपने भी कभी ऐसा प्रेमपत्र लिखा है ..)
(क्या आप के कंप्यूटर में भी ये खराबी है .... )
http://thodamuskurakardekho.blogspot.com
बिल्ली और याद ...
जवाब देंहटाएंबिलकुल नया है ख़याल ...
मगर है लाजवाब !
......क्या खूब!.....तुम्हारी याद अगर बिल्ली के रुप में भी आती है तो.....स्वागत है!
जवाब देंहटाएंकाश तुम्हारी याद होती कोई बिल्ली
जवाब देंहटाएंजब भी वक़्त बे-वक़्त
दिल-ओ-दिमाग के कमरे में विचरने की कोशिश करती
दबे पाँव चुपके से अन्दर आने का
घुसने का जतन करती
......क्या खूब!.....तुम्हारी याद अगर बिल्ली के रुप में भी आती है तो.....स्वागत है!
....चर्चा मंच बहुत ही सफल आयोजन है!...धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत ही अभिनव प्रयोग है..पर बहुत ही सटीक...और बिल्ली सी ही यादें...दरीचे खुलवा कर ही दम लेती हैं...सुन्दर अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंविडियो के लिए तो बस एक शब्द ...वाssssह!!!
लिखते लिखते इतनी जबरदस्त कविता लिख दी आपने दीपक जी ....
जवाब देंहटाएंबहुत लाजवाब है ...
लाजवाब !
जवाब देंहटाएं''कौन कहता है कि आसमाँ में छेद हो नहीं सकता..''
kavita likhte likhte hi likhi jati hai... anayas!!!
जवाब देंहटाएंyaadon ki sundar vivechna ...
aur prerak video ka samanvyaya adwitiya raha deepak ji!
aapne naam ko saarthak karti hui prakashpurna post:)
subhkamnayen...
हमदम के दम रोकने-खोलने का काल्पनिक अन्दाज को हमारा साधुवाद । 'कौन कहता आसमान में छेद नहीं हो सकता' बहुत ही स्वीट लगा ।
जवाब देंहटाएंयाद तो बिल्ली ही होती है। पर आपने बिल्ली का बिम्ब लेकर बिलकुल ही नए अंदाज में पेश किया। पर इसके साथ ये कुत्ते वाला वीडियो लगाकर आपने कविता की गंभीरता खत्म कर दी। ऐसा मेरा मानना है।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंविडियो बढिया है । और याद वाली बिल्ली को कुछ खास लम्हों के चूहे खिलाये या नही अब तो आपके गोद में बैठ ही गई है ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय राजेश सर,
जवाब देंहटाएंआपने बिलकुल ठीक कहा.. लेकिन मैं खुद बाद में माहौल हल्का करना चाहता था.. असल में मैं नहीं चाहता कि मसि-कागद से कोई भारी मन ले के आगे बढ़े.. :) आप निर्देशित कर जाते हैं तो दिल को एक तसल्ली सी मिल जाती है.. आभार..
प्रेरक पोस्ट,जीने का हौसला देता हुआ ... अच्छा लगा !
जवाब देंहटाएंbahut sundar dipakji,
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