छायाकार- दीपक 'मशाल'
शनिवार, 17 अप्रैल 2010
शुक्रिया डॉ.दराल सर.. लन्दन चित्र श्रृंखला भाग-२------>>>दीपक 'मशाल'
वैसे तो आप सभी मेरे प्रिय और सम्मानीय ब्लॉग मित्रों ने कल दर्शाई गई तस्वीरों को देख उत्साहवर्धन किया लेकिन डॉ. दराल सर जो खुद भी ब्लॉगवुड में एक कुशल फोटोग्राफर के रूप में जाने जाते हैं उनका आशीर्वाद मिला अपना सौभाग्य समझता हूँ. लन्दन के निकाले तो मैंने करीब १००० चित्र हैं लेकिन सभी ना तो मैं दिखा पाऊंगा और ना ही आपको बोर करना चाहूँगा इसलिए बस कुछ चित्र जो आपको पसंद आ सकते हैं आज दिखा देता हूँ और कुछ कल दिखा कर यह श्रृंखला ख़त्म कर देता हूँ बाकी यदि आप में से किसी को विज्ञान संग्रहालय देखने में रूचि हो तो बता दे मैं उन्हें अलग से चित्र भेज सकता हूँ. उम्मीद कम विश्वास ज्यादा है कि आप धैर्य के साथ चित्र देखेंगे :)
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बढिया चित्र. महावीर जी के दर्शन भी हो गये.
जवाब देंहटाएंसुन्दर चित्र ...!!
जवाब देंहटाएंअरे वाह....!!!
जवाब देंहटाएंकमाल के चित्र हैं सारे....
आदरणीय महावीर जी को देख कर बहुत ख़ुशी हुई...
लेकिन दीपक तुम तो बड़े ज़बरदस्त फोटोग्राफर भी निकले...बहुत ही सुन्दर तसवीरें हैं सब की सब....
और तुम तो राजकुमार लग रहे हो...साइड में तो सूट में फोटो है...क्या खूबसूरत लग रहे हो...सच में ...दिल खुश हो गया तुमको देख कर...
खुश रहो..
दीदी..
बेहतरीन फोटोग्राफी का नमूना
जवाब देंहटाएंवाह मजा आ गया, हम भी प्रेरित हो रहे हैं अब तो फ़ोटोग्राफ़ी के लिये :)
जवाब देंहटाएंकमाल के चित्र हैं सारे....
जवाब देंहटाएंआदरणीय महावीर जी को देख कर बहुत ख़ुशी हुई...
राज कुमार- ये काम्पलिमेन्ट है क्या अदा जी??..हम तो अमिताभ कहतीं तो मानते. :)
जवाब देंहटाएंबहुत ही मनभावन चित्रावली!
जवाब देंहटाएंविभिन्न मुद्राओं में आप भी अच्छे लग रहे हो!
tusi great ho paji
जवाब देंहटाएंदीपक भाई , लन्दन के हज़ार फोटो का मतलब है कि आपको भी फोटोग्राफी का शौक है । और मेरा मानना है कि ये एक बेहतरीन शौक है। क्योंकि इससे ये कहावत चरित्रार्थ होती है --हींग लगे न फिटकरी और रंग भी आये चोखा। विशेषकर डिजिटल कैमरा आने के बाद तो यह शौक एक सबसे आसान , सस्ता और टिकाऊ शौक बन गया है।
जवाब देंहटाएंफोटोग्राफी एक कला है और कई फोटोज में आपका फोटोग्राफिक अक्युमेन नज़र आ रहा है।
बढ़िया । कीप इट अप।
इस बारे में विस्तार से फिर कभी ।
@हाँ समीर जी ..राज कुमार ..प्रिंस, राज कुमारों के देश में है तो राज कुमार ही लग रहा है....प्रिंस विलिअम से कम थोड़े ही न लग रहा है....
जवाब देंहटाएंहाँ नहीं तो...
बेहतरीन फोटोग्राफी दीपक जी !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर फोटोग्राफी.... तुम्हारी फोटोग्रैफ्स ..... तो बहुत ही शानदार आयीं हैं ....दीपक.... स्मार्टी.....स्मार्टी.......
जवाब देंहटाएंसभी चित्र बेहद खूबसूरत है लेकिन उन सबमें एक चित्र है वो बहुत ही सुंदर और अपना है।
जवाब देंहटाएंबेहद ख़ूबसूरत चित्र हैं, सारे ....हमेशा की तरह..
जवाब देंहटाएंअरे वाह्……………॥बहुत ही सुन्दर फ़ोटोग्राफ़ी है सभी चित्र मूँह से बोल रहे हैं…………………शानदार्………………………बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लगे आप के सारे चित्र.... लेकिन मुझे उन दो चित्रो का इंतजार था, ओर वो ही नही दिखे, पहला चित्र थ्मस नदी के किनारे एक पार्क मै महात्मा गांधी जी की मुर्ति लगी है, दुसरी वो जगहा जहां ऊधम सिंह ओर अन्य साथियो ने इन गोरो को हिला कर रख दिया था( जहां जनरल डायर या कायर को गोली मारी थी), मै इन दोनो स्थानो पर गया था
जवाब देंहटाएंराज सर, सच में बहुत दुःख है इस बात का कि मुझे इन दोनों स्थानों के बारे में किसी ने नहीं बताया.. आप मार्गदर्शन कीजिए मैं अगले महीने जाकर फिर देख लूँगा.
जवाब देंहटाएंab khush
जवाब देंहटाएंशानदार तस्वीरे हैं दीपक.
जवाब देंहटाएंदीपक भाई
जवाब देंहटाएंबहुत खूब अब हम देखते हैं
आपके न्योते पर विचार जारी है
दीपक, तुम्हारी ये प्रतिभा भी लाजवाब है...
जवाब देंहटाएंकुछ टंटों की वजह से नियमित कमेंट नहीं कर पा रहा था...कारण अपनी कल की पोस्ट में स्पष्ट करने वाला हूं...
जय हिंद...
आज के चित्र भी लाजबाब हैं ..
जवाब देंहटाएंshukriya Khushdeep bhai, aap sabhi ka abhar...
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर!
जवाब देंहटाएंOh ! Wow! Lovely pics..and a handsome you!
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