खंडहर की ईंट
कुछ कहती हुई सी लगती है,
उसी पुराने खंडहर की
जिसे ऐतिहासिक स्थल कहते हैं...
और देखते हैं रोज़
हज़ारों देशी और विदेशी पर्यटक...
हर किसी से
सूनी आँखों से
कुछ कहती हुई सी लगती है...
वो चाहती है बताना
क्या है असली इतिहास
जिसमे जोड़ी गयी है
कुछ झूठी कहानी भी...
उस कहानी को छोड़कर,
क्या है हकीकत
और क्या है फ़साना...
है हर पल की
सच्ची गवाह
वह ईंट
जो झूठी नहीं है..
अलग-अलग इतिहासों की तरह....
दीपक 'मशाल'
बेहद उम्दा रचना ।
जवाब देंहटाएंधन्य हैं आप जो ईंट से भी सच - झूंठ
जवाब देंहटाएंका मसाला निकाल लेते हैं ..
बहुत बढिया....आपने सही कहा इतिहास के पन्नों में कई सच्ची-झूठी कहानियाँ दफ्न होती हैँ
जवाब देंहटाएंबहुत गहरी रचना..
जवाब देंहटाएंभारत यात्रा में ऐसी रचनाएँ?
bheetar ki pragya ko prakat karti gahantam kavita ka anubhav ho raha hai is rachnaa ko baanch kar....
जवाब देंहटाएंwaah !
waah !
badhaai !
वाह अच्छी रचना .. बधाई !!
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना .। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंऐतिहासिक धरोहरों की हालत बयां कर दी आपने
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा रचना ।
जवाब देंहटाएंइतिहास के पन्नों का यथार्थ आपके शब्दों में बहुत कुछ कह गया है........
जवाब देंहटाएंक्या है असली इतिहास
जवाब देंहटाएंजिसमे जोड़ी गयी है
कुछ झूठी कहानी भी...
उस कहानी को छोड़कर,
क्या है हकीकत
और क्या है फ़साना...
है हर पल की
सच्ची गवाह
वह ईंट
जो झूठी नहीं है..
अलग-अलग इतिहासों की तरह....
बहुत सही कहा वाकई इतिहास मैं बहुत कुछ झूठा सच्चा है.
bahut hi achhi rachana , aapko badhai:)
जवाब देंहटाएंगहरी रचना।
जवाब देंहटाएंभारत यात्रा कैसी रही, ये भी लिखें।
bahut hi gehrai chupi hai is rachna main....
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी बात कही है दीपक , मै तो पुरातत्ववेत्ता हूँ तुम्हारी बात का पुरज़ोर समर्थन करता हूँ ..काश ऐतिहासिक धरोहरों के प्रति सही नज़रिया हो जाये हम लोगों का । और क्या चल रहा है ?
जवाब देंहटाएंगहरी रचना।
जवाब देंहटाएंभारत यात्रा कैसी रही, ये भी लिखें।