मंगलवार, 5 अप्रैल 2011

एक तस्वीर बड़बड़ा रही थी ख्वाब में

मेरे अल्बम से  कुछ पुरानी तस्वीरें
झाँक रहीं थीं सूरज की ओर
उनके धुंधले पड़ते अक्स से
मानो सूरज के थे पुराने रिश्ते

तस्वीरें ढूंढ रहीं थीं 
आशा की किरण मेरे लिए

आग के महाकूप से निकलती लपटें झुलसा देतीं 
खामोश तस्वीरों की उमीदों को
मगर पगली तस्वीरें फिर नयी आस उगा लेतीं
उनके चारों कोने सोख लेते कुछ ऑक्सीजन
वो फिर लग जाती नई कोशिश में

तस्वीरें सपने नहीं देखतीं 
इसलिये कि तस्वीरें कभी नहीं सोतीं

पर आज जाने कैसे आँख लग गई उनकी
रात के तीसरे पहर
एक तस्वीर बड़बड़ा रही थी ख्वाब में
'अब तुम आ गए हो तो...
आशा की किरण का क्या करना'
पता नहीं जाने किसे देखकर
दीपक मशाल
(कविता गर्भनाल में पूर्व प्रकाशित)

19 टिप्‍पणियां:

  1. तस्वीरें सपने नहीं देखतीं
    इसलिये कि तस्वीरें कभी नहीं सोतीं

    सुंदर भाव

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  2. bahut sundar rachna hai dipakji, har baar ki tarah uttam prastuti

    हिन्दू नववर्ष एवं चैत्र नवरात्र की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  3. तस्वीरें स्मृतियों में जकड़ जाती हैं, इसीलिये नहीं सो पाती हैं। बहुत सुन्दर कविता।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही उम्दा कविता...वाह!!

    नव-संवत्सर पर हार्दिक शुभकामनायें।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत दिनों बाद पोस्‍ट पढ़ने को मिली इसके लिए बधाई।

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  6. रात के तीसरे पहर
    एक तस्वीर बड़बड़ा रही थी ख्वाब में
    'अब तुम आ गए हो तो...
    आशा की किरण का क्या करना'

    बहुत सुन्दर पंक्तियाँ हैं .

    जवाब देंहटाएं
  7. शुक्रिया.... इसे पढ़ने का मौका दिया यहाँ पोस्ट कर...अच्छी लगी...

    जवाब देंहटाएं
  8. 'अब तुम आ गए हो तो...
    आशा की किरण का क्या करना'


    bahut khub...deepak bhai...aapke shabd lajabab!!

    जवाब देंहटाएं
  9. तस्वीरें ढूंढ रहीं थीं
    आशा की किरण मेरे लिए..
    बहुत सुन्दर कविता।

    जवाब देंहटाएं
  10. 'अब तुम आ गए हो तो...
    आशा की किरण का क्या करना'

    बहुत सुन्दर पंक्तियाँ हैं .

    जवाब देंहटाएं
  11. वाह ! जी,
    इस कविता का तो जवाब नहीं !

    जवाब देंहटाएं
  12. हमेशा की तरह एक शानदार सोच का परिचय दिया है।

    जवाब देंहटाएं
  13. तस्वीरें सपने नहीं देखतीं ...सच है. पर दिखाती जरुर हैं.
    सुन्दर कविता.

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  14. तस्वीरें होती ही ऐसी हैं । किसी को भी उलझा सकती हैं ।

    जवाब देंहटाएं
  15. स्मॄतियां जब चित्रावली बन जाती है, तब स्मॄतियां विस्मॄत करने लगती हैं..

    जवाब देंहटाएं

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