ये मानोगे तुम एक उम्र के बाद
ये दुनिया वो नहीं थी
जो देखी तुमने
बिन सूरज वाली
आँखों की खुद की रौशनी में
ये दुनिया वो नहीं थी
जो सोची तुमने देकर के जोर दिल पे
ये मानोगे तुम एक उम्र के बाद
अगर नहीं है ये
शोर से, उमस और पसीने की बू से भरी रेलगाड़ी
तो आसमानों के बिजनेस क्लास का केबिन भी नहीं
ये मानोगे तुम एक उम्र के बाद
तुलसी, ताड़
कभी तेंदू पत्तों के बीच से
हौले से कभी खड़खड़ाकर
गुजरती हवा जैसा साया ये
आम, चन्दन, नीम या सोंधी मिट्टी में सिमटता है
ये मानोगे तुम एक उम्र के बाद
ये मानोगे तुम एक उम्र के बाद
ये धुआँ जो हिल सकता है
हिला नहीं सकता
ज्यों फूल खिलता है
खिला नहीं सकता
इतना कमज़ोर भी नहीं
ख्वाब देखे चाँद के
और चाँद पा न सके
उतना मजबूर भी नहीं
मगर मूँद लेता है आँखें
जब सहेजता है सूरज कल के लिए
रेत सितारों की बिखेरता है
और सितारों को झाड़ देता है फूँक से अपनी
फिर धरत़ा है सूरज उसी चबूतरे पर
बेवजह तैरता, रेंगता, दौड़ता, फिसलता
नाचता- कूदता, चलता और उड़ता बेवजह साया है दुनिया
ये गाता है बेवजह, खाता है बेवजह
जाने क्या-क्या और कैसे कराता है बेवजह
ये मानोगे तुम एक उम्र के बाद
दीपक मशाल
ये दुनिया वो नहीं थी
जो देखी तुमने
बिन सूरज वाली
आँखों की खुद की रौशनी में
ये दुनिया वो नहीं थी
जो सोची तुमने देकर के जोर दिल पे
ये मानोगे तुम एक उम्र के बाद
अगर नहीं है ये
शोर से, उमस और पसीने की बू से भरी रेलगाड़ी
तो आसमानों के बिजनेस क्लास का केबिन भी नहीं
ये मानोगे तुम एक उम्र के बाद
तुलसी, ताड़
कभी तेंदू पत्तों के बीच से
हौले से कभी खड़खड़ाकर
गुजरती हवा जैसा साया ये
आम, चन्दन, नीम या सोंधी मिट्टी में सिमटता है
ये मानोगे तुम एक उम्र के बाद
ये मानोगे तुम एक उम्र के बाद
ये धुआँ जो हिल सकता है
हिला नहीं सकता
ज्यों फूल खिलता है
खिला नहीं सकता
इतना कमज़ोर भी नहीं
ख्वाब देखे चाँद के
और चाँद पा न सके
उतना मजबूर भी नहीं
मगर मूँद लेता है आँखें
जब सहेजता है सूरज कल के लिए
रेत सितारों की बिखेरता है
और सितारों को झाड़ देता है फूँक से अपनी
फिर धरत़ा है सूरज उसी चबूतरे पर
बेवजह तैरता, रेंगता, दौड़ता, फिसलता
नाचता- कूदता, चलता और उड़ता बेवजह साया है दुनिया
ये गाता है बेवजह, खाता है बेवजह
जाने क्या-क्या और कैसे कराता है बेवजह
ये मानोगे तुम एक उम्र के बाद
दीपक मशाल
Supereb Writing, behtreen
जवाब देंहटाएंसच कहा, सब समझ आने लगता है, धीरे धीरे।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे , लिखते रहिए
जवाब देंहटाएंBahut dinon baad tumhen padh rahee hun....bemisaal lekhan!
जवाब देंहटाएंये रचना जीवन में प्रेरणा देती है....... सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंचमक और महक छुपती नहीं. सुंदर रचना.
जवाब देंहटाएंमान लिया आपकी बात को भी और लेखनी को भी । बेहद सुंदर ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता!
जवाब देंहटाएं