tag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post8117512366252746442..comments2023-10-18T19:28:47.947+05:30Comments on मसि-कागद: 'बुद्धा स्माइल'@@@@@दीपक मशालदीपक 'मशाल'http://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-21515634915668271032009-12-22T04:48:52.646+05:302009-12-22T04:48:52.646+05:30हम्म्म्म....हम भी सोचने लगे हैं क्यों रखा है बुद्ध...हम्म्म्म....हम भी सोचने लगे हैं क्यों रखा है बुद्धा स्माईल ....!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-85979784340367153732009-12-21T23:38:13.847+05:302009-12-21T23:38:13.847+05:30दीपक जी ...क्या खूब लिखा भाई...कितना बढ़िया और अलग...दीपक जी ...क्या खूब लिखा भाई...कितना बढ़िया और अलग सोचा आपने..धन्यवादविनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-56395741712546760982009-12-21T23:27:39.382+05:302009-12-21T23:27:39.382+05:30दीपक जी सच कहूँ तो इस कविता की प्रशंसा के लिये मेर...दीपक जी सच कहूँ तो इस कविता की प्रशंसा के लिये मेरे पास शब्द नही हैं..एक अच्छी कविता की यही पहचान भी होती है..जो पाठक को एक नयी सोच एक नया नजरिया देती है..एक ही चीज पर नये ऐंगल से दृष्टिपात..साहस चाहिये ऐसी बात कहने के लिये<br />बुद्ध मुस्कुराते थे<br />पीड़ा में भी<br />बुद्ध मुस्कुराते थे हर्ष में भी...<br />क्योंकि<br />दोनों थे सम उनको...<br /><br />इतना लिख देने के बाद यह मुस्कान अब कोई रहस्य नही रह जाती..सबको समझ आना चाहिये यह बात..अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-80385629070168908342009-12-21T22:12:00.879+05:302009-12-21T22:12:00.879+05:30गहरी सोच लिए खूबसूरत रचनागहरी सोच लिए खूबसूरत रचनाराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-40213875918597114792009-12-21T20:26:24.697+05:302009-12-21T20:26:24.697+05:30बढ़िया रचना है!
आपकी सोच को नमन!बढ़िया रचना है!<br />आपकी सोच को नमन!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-60177437707091554562009-12-21T20:25:54.921+05:302009-12-21T20:25:54.921+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-40414210448637867302009-12-21T15:31:00.571+05:302009-12-21T15:31:00.571+05:30'बुद्धा स्माइल'
यही रखा था नाम
परमाणु परीक...'बुद्धा स्माइल'<br />यही रखा था नाम<br />परमाणु परीक्षण का...<br />महान हिन्दोस्तान ने,<br />मगर <br />क्यों मुस्कुराये बुद्ध?<br /><br />सटीक सवाल है.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-26442695843954655442009-12-21T14:41:23.966+05:302009-12-21T14:41:23.966+05:30बुद्ध मुस्कुराते थे
पीड़ा में भी
बुद्ध मुस्कुराते थ...बुद्ध मुस्कुराते थे<br />पीड़ा में भी<br />बुद्ध मुस्कुराते थे हर्ष में भी...<br />क्योंकि<br />दोनों थे सम उनको...<br /><b>बुध्द यो्गी थे, योगी ही समभाव को धारण कर सकता है।<br />समुत्वम योग उच्यते</b> सुंदर अभिव्यक्तिब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-36466053863123124982009-12-21T13:44:12.783+05:302009-12-21T13:44:12.783+05:30wakai gahari soch hai aapki, apne to kamaal ki kav...wakai gahari soch hai aapki, apne to kamaal ki kavita kahi hai. likhate rahiye!!!!!!!!!!Jyoti Vermahttps://www.blogger.com/profile/02814484837719531079noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-47678829198094256422009-12-21T10:33:04.592+05:302009-12-21T10:33:04.592+05:30जिस दिन इंसान विपरीत परिस्थितियों में भी मुस्करा...जिस दिन इंसान विपरीत परिस्थितियों में भी मुस्कराना सीख लेगा, उस दिन इन्सान भी बुद्ध बन जायेगा।<br />यही समझ में आता है, आपकी रचना पढ़कर।<br />एक अच्छी रचना के लिए बधाई।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-74942607970210705212009-12-21T09:51:56.522+05:302009-12-21T09:51:56.522+05:30बहुत सुन्दर रचना है। बुद्ध की मुस्कराहट सच मे अनोख...बहुत सुन्दर रचना है। बुद्ध की मुस्कराहट सच मे अनोखी थी.....<br /><br />ये बन गया<br />अज़ब रहस्य सदा के लिए<br />कि<br />व्हाई 'बुद्धा स्माइल'?परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-65907035981446741882009-12-21T09:23:01.249+05:302009-12-21T09:23:01.249+05:30ओह मैने तो सोचा को तुम आजकल कुछ लिख नहीं रहे हो न ...ओह मैने तो सोचा को तुम आजकल कुछ लिख नहीं रहे हो न ही ब्लागजग्त मे तुम्हारी उपस्थिति अधिक देखी इस लिये ब्लाग तक भी नहीं आयी थी। आज देखा तुम तो छुट्टियों मे भी ब्लाग से चिपके रहे हो। बहुत सुन्दर कविता है ।जब मिलोगे तो राज़ पूछूँगी कि इतना अच्छा कैसे लिखते हो। शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-82736287027576611882009-12-21T08:17:47.978+05:302009-12-21T08:17:47.978+05:30हिंसा नही अहिंसा से शांति मिलेगी , शायद इसीलिये &#...हिंसा नही अहिंसा से शांति मिलेगी , शायद इसीलिये 'बुद्धा स्माइल'<br /> वैसे इस रहस्य को समझना आसान नहीअजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-9007992111247118072009-12-21T08:01:25.989+05:302009-12-21T08:01:25.989+05:30ये बन गया
अज़ब रहस्य सदा के लिए
कि
व्हाई 'बुद...ये बन गया <br />अज़ब रहस्य सदा के लिए<br />कि<br />व्हाई 'बुद्धा स्माइल'?<br />लाजवाब।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-20914631759362280202009-12-21T07:27:40.323+05:302009-12-21T07:27:40.323+05:30एक मौलिक प्रश्न खड़ा किया है आपने इस रचना के माध्य...एक मौलिक प्रश्न खड़ा किया है आपने इस रचना के माध्यम से। एक अलग अंदाज दीपक जी। वाह।।<br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन<br />09955373288<br />www.manoramsuman.blogspot.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-64473235021630593672009-12-21T05:17:47.585+05:302009-12-21T05:17:47.585+05:30बुद्ध मुस्कराये क्योकि वे थे शुद्ध
परमाणु परीक्षण...बुद्ध मुस्कराये क्योकि वे थे शुद्ध <br />परमाणु परीक्षण (संहारक) का नाम बुद्धा स्माईल (शांतिदायक) रखा गया शायद इसलिये मुस्कराये बुद्ध. <br />शानदार रचनाM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.com