tag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post7129889439495924282..comments2023-10-18T19:28:47.947+05:30Comments on मसि-कागद: गाँव की शादी के बारे में एक पोस्ट(एक कविता मुफ्त में)----------->>>दीपक 'मशाल'दीपक 'मशाल'http://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comBlogger36125tag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-38576950688567721032010-07-12T21:16:09.757+05:302010-07-12T21:16:09.757+05:30Mai khud,gaanv,kasba aur shahar,teenon jagahon pe ...Mai khud,gaanv,kasba aur shahar,teenon jagahon pe rah chuki hun...!<br />Fabulous article! One more gem in the crown!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-14244447525349920402010-07-11T16:51:31.683+05:302010-07-11T16:51:31.683+05:30हमारी लोक संस्कृति अब सिर्फ ऐसे ही गावों में देखी ...हमारी लोक संस्कृति अब सिर्फ ऐसे ही गावों में देखी जा सकती है ।चलो कहीं न कहीं अब भी लोग अपनी संस्कृति से जुड़े हैं।आपके लेखन पर क्या टिप्पणी करू आप तो अपने हर प्रकार के लेखन में माहिर हैं । एक प्रयास मेरा भी कहानी लेखन में आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगासु-मन (Suman Kapoor)https://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-86674152106610770612010-07-08T15:07:29.158+05:302010-07-08T15:07:29.158+05:30niceniceJyoti Vermahttps://www.blogger.com/profile/02814484837719531079noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-88976129325369040852010-07-07T14:46:57.939+05:302010-07-07T14:46:57.939+05:30सुन्दर वृत्तान्त और कविता भी ।सुन्दर वृत्तान्त और कविता भी ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-34860516573366498102010-07-07T13:50:03.824+05:302010-07-07T13:50:03.824+05:30kavita bahut achchhi lagi bhai..
आज बोलने पड़े कई...kavita bahut achchhi lagi bhai..<br /><br />आज बोलने पड़े कई झूठ मुझे<br />एक सच को सच साबित करने के वास्ते<br />वो झूठ जो तुम्हारे ही एक<br />कानून के घर में सेंध लगाने वाले विशेषज्ञ ने<br />लिख कर दिए थे मुझे<br /><br />sach hai..<br /><br />Aur haan, aalekh bhi achchha laga. Mere jehen me bhi sab kuchh tair aaya...maine to haal filhaal (5-6 saal ko agar ye kah sakein) aisi shadiyaad attend ki hain.Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-51622583864904409792010-07-06T19:47:25.585+05:302010-07-06T19:47:25.585+05:30सॉरी कविता की बात करना तो भूल ही गयी.....बहुत ही ...सॉरी कविता की बात करना तो भूल ही गयी.....बहुत ही सच के करीब है यह रचना...बिलकुल पुरस्कार योग्य..बधाईrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-29294140044125635872010-07-06T19:20:33.935+05:302010-07-06T19:20:33.935+05:30बहुत ही जानदार और शानदार लिखा है.... बहुत सारे श...बहुत ही जानदार और शानदार लिखा है.... बहुत सारे शब्द भी याद है तुम्हे...काश मुझे भी याद होते :(...वो एक ईंट, दो ईंट वाली बात अच्छी बतायी....कुछ ऐसा ही हमारे गाँव में भी था...एक के लिए अलग शब्द ...दो लोगों को बुलाने के अलग शब्द .. ..एक शब्द याद है ...चुल्हानिवार....यानि कि चूल्हा जलाने की भी जरूरत नहीं,सपरिवार आमंत्रण है.<br /><br />बहुत कुछ याद दिला दिया तुम्हारी पोस्ट ने....अब जल्दी से वो मजेदार संस्मरण लिख डालो...और हाँ सॉरी इतनी देर से टिप्पणी की<br />...rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-38419076983898130452010-07-06T19:16:15.675+05:302010-07-06T19:16:15.675+05:30sahi kahasahi kahaAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-64411963480844765312010-07-06T18:28:18.176+05:302010-07-06T18:28:18.176+05:30लडके दूसरों की शादी का गुणगान तो बहुत हो गया ...ये...लडके दूसरों की शादी का गुणगान तो बहुत हो गया ...ये बता कि ..हमारा ये बन्ना कब ले जा रहा है हमें ऐसी ही एक शादी में बाराती बना कर । कुल मिला कर धांसू पोस्ट तैयार हुई है ....और फ़ांसू कविता के बाद एकदम कौंबो पैक की तरह हो गई हैअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-50418384097682226832010-07-06T17:53:23.311+05:302010-07-06T17:53:23.311+05:30और आज मैं एक बिन किये अपराध का
छोटा सा अपराधी बन
म...और आज मैं एक बिन किये अपराध का<br />छोटा सा अपराधी बन<br />मुचलके पर रिहा हो रहा हूँ<br />अब बस इंतज़ार है<br />कल के अदालती चक्करों का..<br /><br />bahut sahi baatसंजय कुमार चौरसियाhttps://www.blogger.com/profile/06844178233743353853noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-75759324009783899952010-07-06T16:26:32.465+05:302010-07-06T16:26:32.465+05:30आज बोलने पड़े कई झूठ मुझे
एक सच को सच साबित करने क...आज बोलने पड़े कई झूठ मुझे<br />एक सच को सच साबित करने के वास्ते<br />वो झूठ जो तुम्हारे ही एक<br />कानून के घर में सेंध लगाने वाले विशेषज्ञ ने <br />लिख कर दिए थे मुझे<br />waah, mujhe yah bahut raas aayaरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-43127466207253738022010-07-06T14:45:47.085+05:302010-07-06T14:45:47.085+05:30आपने तो सच में पुराने वक़्त की शादियों के मज़े दिल...आपने तो सच में पुराने वक़्त की शादियों के मज़े दिलवा दिए .... <br />आपकी मुफ़्त में आई कविता ने बहुत कुछ सोचने को मजबूर कर दिया ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-63958128883105488782010-07-06T13:19:47.806+05:302010-07-06T13:19:47.806+05:30भाई वाह मजा आ गया , बहुत शानदार खाका खींचा शादी का...भाई वाह मजा आ गया , बहुत शानदार खाका खींचा शादी का आज भी याद आता है वो सैकरीन वाला शरबत जो अक्सर गाँव में दिया जाता है. वक़्त के साथ लेखनी रोचक तो है ही असरदार भी हो रही है.. .... सारी लंगोतियेपन की यादें तजा हो आयीं. कविता भी बहुत जानदार लगी, भावपूर्ण लेनें हैं जनाब.<br /><br />शाहिद "अजनबी"Shahid Ajnabihttps://www.blogger.com/profile/09637472409063584855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-60107209190949384002010-07-06T11:55:37.263+05:302010-07-06T11:55:37.263+05:30दीपक जी
गाँव की शादी का सुन्दर खाका खींचा है………………...दीपक जी<br />गाँव की शादी का सुन्दर खाका खींचा है………………और कविता के लिये तो शब्द भी नही मिल रहे फिर किन लफ़्ज़ों मे तारीफ़ करूँ………………आज के हालात का सजीव चित्रण किया है……………शायद हर इंसान की तकलीफ़ यहीं एक जगह समेट दी है………………पुरस्कृत तो होनी ही थी।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-79706389035703835842010-07-06T11:40:26.546+05:302010-07-06T11:40:26.546+05:30gaon ki saadi.........:) hame bhi yaad hai!!
unn ...gaon ki saadi.........:) hame bhi yaad hai!!<br /><br />unn sadiyon me sabse badi visheshta hoti thi, ki pura gaaon lag jata tha barat ki aawbhagat me....janmaase(jahan dulhe raja rukenge) ki tayari ho, ya sarbat peelana ho.......<br /><br />kuchh aur bhi pal yaad hain, jaise marve pe dulhe ka narajagi dikhana, ya saari mahilaon ka baratiyon ko gaali sunana....waise we geet bhadde hote the.......lekin dil ko chhute the....<br /><br />hai na deepak bhai!!<br /><br />kavita to shandaar......मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-82991611998224215012010-07-06T07:59:26.542+05:302010-07-06T07:59:26.542+05:30ईंटों से बुलावे मेरे लिए नई जानकारी है .धन्यवाद. क...ईंटों से बुलावे मेरे लिए नई जानकारी है .धन्यवाद. कविता भी उतनी ही सुंदर है.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-64669341159459595552010-07-06T07:55:54.044+05:302010-07-06T07:55:54.044+05:30अगली कड़ी की प्रतीक्षा रहेगी। कविता तो वाकई उत्कृष...अगली कड़ी की प्रतीक्षा रहेगी। कविता तो वाकई उत्कृष्ट है - ज्वलंत यथार्थ को अभिव्यक्ति देती हुई<br />।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-49924689068683947852010-07-06T07:16:27.036+05:302010-07-06T07:16:27.036+05:30कविता और पोस्ट दोनों ही सुन्दर है!कविता और पोस्ट दोनों ही सुन्दर है!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-3153636334664260002010-07-06T07:10:20.226+05:302010-07-06T07:10:20.226+05:30पुराना याद ताजा हुई ,अभी गांव गया था ,पर कोई शादी ...पुराना याद ताजा हुई ,अभी गांव गया था ,पर कोई शादी नहीं पड़ी वरना कुछ फोटो तो आपके पोस्ट के लिये फ्री में देता ।अजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-16026884640761321842010-07-06T04:54:41.183+05:302010-07-06T04:54:41.183+05:30हम भी कुछ ऐसे ही - गाँव और शहरों दोनों तरफ जड़ें है...हम भी कुछ ऐसे ही - गाँव और शहरों दोनों तरफ जड़ें हैं ...<br />अभी तो कई साल हो गए शादी में गए हुए और आजकल सुना है शादी भी शहरी हो गयीं है ...राम त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/05351604129972671967noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-23084144491251587742010-07-06T03:09:35.992+05:302010-07-06T03:09:35.992+05:30@शरद भैया.. चाहता तो मैं भी ऐसा ही कुछ था.. और अच्...@शरद भैया.. चाहता तो मैं भी ऐसा ही कुछ था.. और अच्छा लगा सुनकर कि आपने भी वैसी ही ख्वाहिश की जैसा मैंने सोचा था.. लेकिन क्या करुँ कोई बन्ना गीत पूरा याद ही नहीं था :(<br />@कुमारेन्द्र चाचा जी.. आप लिखेंगे तो बहुत सूक्ष्म विश्लेषण के साथ ही लिखेंगे इतना विश्वास है आप पर.. एक रोचक पोस्ट का इन्तेज़ार रहेगा..<br />@महफूज़ भाई, लोकेन्द्र भाई.. अगर हम अपने गाँव की तरफ लौटें, कृषि की तरफ(आधुनिक यंत्रों का उपयोग कर) लौटें तो निश्चय ही और बेहतर एवं सुदृढ़ अर्थव्यवस्था बन सकते हैं..दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-38200244029935336882010-07-06T00:20:04.755+05:302010-07-06T00:20:04.755+05:30बहुत बढिय़ा चित्रण किया है दीपक जी.... वैसे अपुन भी...बहुत बढिय़ा चित्रण किया है दीपक जी.... वैसे अपुन भी ठेठ गांव वाले हैं। पिता नौकरी के लिए शहर आ गए और हमें तो आना ही पड़ा। लेकिन भाई गांव से आज भी नाता नहीं टूटा... गांव की शादियों में आना-जाना लगा रहता है। गांव की शादी की एक खास बात यह भी है कि सारा गांव पूरी मदद करता है। खासकर शादी अगर लड़की है तो पूरा गांव घराती बन जाता है।लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-26860708324179049042010-07-06T00:07:42.742+05:302010-07-06T00:07:42.742+05:30दीपक बहुत मैच्योर्ड पोस्ट... कविता तो बहुत ही अच्...दीपक बहुत मैच्योर्ड पोस्ट... कविता तो बहुत ही अच्छी लगी.... हैट्स ऑफ टू यू...डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-83017741644454103292010-07-05T23:57:04.328+05:302010-07-05T23:57:04.328+05:30गाँव?????????? ये शब्द क्या है???? कैसा दीखता है य...गाँव?????????? ये शब्द क्या है???? कैसा दीखता है ये?????<br />दीपक आज के समय में गाँव को वही जान सकता है जो वहां रहा हो बाकी तो बस इसी तरह लिखा हुआ पढ़ कर ही मजा लेते हैं.<br />फिल्मों में, टी वी में तो गाँव समाप्त ही हो गए हैं.....<br />शेष अगली बीहड़ वाली शादी का इंतज़ार रहेगा. इस पर हम भी लिखेंगे क्योंकि कई मजेदार और हास्यास्पद किस्से अपने पास भी हैं.<br /><b>जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड</b>राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगरhttps://www.blogger.com/profile/16515288486352839137noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2750801120298316369.post-62520529966934684722010-07-05T23:44:24.386+05:302010-07-05T23:44:24.386+05:30वाह क्या खूब कहीवाह क्या खूब कहीMadhu chaurasia, journalisthttps://www.blogger.com/profile/07800523390622467943noreply@blogger.com